भाई दूज इस साल का!
Bhai Dooj 2022 : दिवाली हर साल अपने साथ खुशियां लेकर आती है। दिवाली अकेले नहीं आती बल्कि साथ में और त्यौहार भी लेकर आती है। दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा होती है और उसके बाद भाई दूज मनाया जाता है। लेकिन इस साल दिवाली से अगले दिन सूर्यग्रहण है, इसीलिए गोवर्धन पूजा और भाई दूज एक ही दिन मनाया जाएगा। तो आइए तो आइए जानते हैं की भाई दूज किस दिन है ? और इसे किस शुभ महूर्त में करना सही रहेगा। और भाई दूज की पूजा की विधि क्या है ?
भाई दूज हमारे देश में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्यार को दिखता है। इस दिन बहन अपने भाई और भाभी (अगर भाई शादीशुदा है तो) को तिलक लगाकर एक गोला देकर मिठाई खिलाती हैं। बहन अपने भाई के खुशहाल जीवन और सफलता की कामना करती है। फिर भाई शगुन के पैसे या फिर तोहफा देकर अपनी बहन को खुश कर देता है।
यह भी पढ़ें : दिवाली की रात, दीये का काजल लगाने की परंपरा, जाने इसकी वजह !
भाई दूज किस दिन मनाया जाएगा – तिथि
भाई दूज का त्यौहार गोवर्धन पूजा के बाद मनाया जाता है। लेकिन इस साल दिवाली के ठीक अगले दिन सूर्यग्रहण है। इस कारण गोवर्धन और भाई दूज एक ही दिन मनाया जा रहा है। इस साल भाई दूज 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। भारत में हिन्दू पंचांग को बहुत माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। आइये जानते हैं भाई दूज का शुभ महूर्त।
भाई दूज पर तिलक – शुभ महूर्त
जैसा की अभी हमने आपको बताया की भाई दूज कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2.42 बजे से कार्तिक मॉस के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि शुरू होगी और अगले दिन 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12.45 बजे ख़त्म होगी।
भाई दूज पर तिलक करने का शुभ महूर्त दोपहर 1.12 बजे से 3.27 बजे तक रहेगा। आइये जानते हैं भाई दूज की पूजा की विधि।
यह भी पढ़ें : दिवाली की रात पढ़ाई करने से क्या होता है ? आइये जानतें हैं !
भाई दूज पर पूजा विधि
भारत में हर काम एक विधि के साथ किया जाता है। भाई दूज के दिन तिलक भी एक तय महूर्त पर किया जाए तो बहुत शुभ माना जाता है। भाई दूज के दिन एक विधि के साथ सब काम किया जाना चाहिए। आइये हम आपको भाई दूज की पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
- भाई दूज के दिन भाई-बहन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म महूर्त में स्नान करें।
- नहाने के बाद घर के मंदिर में दिया जलाएं।
- भाई दूज के दिन भगवान गणेश और भगवान विष्णु की आरती की जाती है और बहुत शुभ मानी जाती है। बहन सच्चे मन से अपने भाई की सफलता के लिए भगवान गणेश और विष्णु की पूजा करें।
- बहन अपने भाई को अपने घर बुलाकर शुभ महूर्त में तिलक करें।
- भाई को तिलक करने के बाद बहन उनकी आरती उतारे।
- आरती करने के बाद बहन अपने भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधे।
- उसके बाद बहन अपने भाई को मिठाई खिलाए।
- तिलक करने के बाद बहन अपने भाई को अपने हाथों से खाना परोसे।
- भाई अपनी बहन को शगुन के पैसे या कोई तोहफ़े के साथ अपना आशीर्वाद ज़रूर दें।
- ध्यान रहे – तिलक अगर शुभ महूर्त में किया जाता है तो भाई के जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं और भाई को जीवन में सफलता मिलती है।
यह भी पढ़ें : रॉकेट हवा में जाकर ही क्यों फटता है ? बारूद तो सभी बमों में एक-सा है, ज़रा सोचिये !